6 गढ़वाली व्यंजन देखते ही कुछ- कुछ होता है।

6 गढ़वाली व्यंजन देखते ही कुछ- कुछ होता है।




(१) खफुली- 








गढ़वाल में खफुली सबसे लोकप्रिय व्यंजन है। यह हरी पत्तेदार सब्जियों से बनी एक गाढ़ी ग्रेवी है। पालक या राई के पत्तों से बनी काफुली सबसे आम व्यंजन है। इसे लोहे के बर्तन में बनाया जाता है। यह उन्हें बहुत स्वादिष्ट होता।




(२) चेसू- 



चसू गढ़वाली की पसंदीदा डिश है। चैसा/चैसु साबुत उड़द की दाल (काले चने की दाल) से तैयार किया जाता है। इस व्यंजन को बनाने के लिए सबसे पहले दाल को भून कर बारीक पेस्ट बना लीजिये.



(३) अरसा - 



गढ़वाल में अरसा एक स्थानीय मिठाई है। इसे गुड़, चावल और सरसों के तेल से बनाया जाता है। इसे बनाने के लिए चावल को कम से कम तीन घंटे के लिए भिगो दें। अब चावल को पीस कर पानी में उबाल कर चाशनी तैयार कर लीजिये, गुड़ को गाड़ा होने तक मिला लीजिये, चावल के साथ गुड़ की गाढ़ी चाशनी मिला लीजिये, आटे की लोई बनाकर नरम गोल लोई बनाकर तेल को तल लीजिये. और यह सबसे प्रसिद्ध है, गढ़वाल विवाह में यह मिठाई बांटते हैं।


(४) भटवानी-




उत्तराखंड प्रसिद्ध, प्रसिद्ध पारंपरिक व्यंजन। भट्टवानी पहाड़ी भट्ट की दाल (काली बीन्स) से तैयार की जाती है, दाल को पीसकर एक शक्ति बना लें। इसे लोहे के बर्तन में बनाया जाता है और इसकी गंध बहुत अच्छी होती है।



(५) चाचंडू-




चाचंडू उत्तराखंड का एक प्रसिद्ध पारंपरिक व्यंजन है। इसे छाछ और झंगोरा (बाजरा) से बनाया जाता है। इसे बनाने के लिए उबलते पानी में जंगोरा डालें और छाछ को मिलाकर पकाएँ और अधिक मिनट तक पकाएँ। यह हमेशा गढ़वाल में बनती है और सभी लोग इसे पसंद करते हैं।



(६) आलू का गुटखा- 



आलू का गुटखा उत्तराखण्ड का बहुत पसंदीदा व्यंजन माना जाता है। बहुत कम ही लोग ऐसे होंगे जो कहेंगे कि वे आलू के गुटखा से परिचित नहीं हें। यह एक ऐसा व्यंजन है जिसे खाने की हर किसी की इच्छा होती है। लोगो के घरों मे बरसाती मौसम के बाद सबको इस व्यंजन की प्रतीक्षा रहती है। वैसे भी अलू सब्जी कोई भी हो उसमे मिलने के लिए सर्वदा प्रथम स्थान रखता है। फिर गुटखे का तो कहने ही क्या।



गढ़वाली व्यंजनो की लिस्ट बहुत बड़ी है। ये तो शुरुआत हुई। अब आगे देखो और क्या-क्या होता है?




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